आईएमसी लेडीज़ विंग जानकीदेवी बजाज पुरस्कार

भारत के ग्रामीण जीवन में परिवर्तन ला रहीं महिला उद्यमियों के लिए देश का सर्वप्रतिष्ठित सम्मान

भारत के ग्रामीण जीवन में परिवर्तन ला रहीं महिला उद्यमियों के लिए देश का सर्वप्रतिष्टित सम्मान

  • ₹10 लाख की सम्मान राशि
  • प्रशस्ति-पत्र और प्रमाणपत्र

आईएमसी लेडीज़ विंग जानकीदेवी बजाज पुरस्कार 2026 के लिए नामांकन खुले हैं

ऐसी महिलाओं के लिए, जो आत्मनिर्भर उद्यमों से ग्रामीण जीवन में प्रामाणिक बदलाव ला रहीं हैं।

ऐसी महिलाएँ के लिए, जो आत्मनिर्भर उद्यमों से ग्रामीण जीवन में प्रामाणिक बदलाव ला रहीं हैं।

  • ₹10 लाख की सम्मान राशि
  • प्रशस्ति-पत्र और प्रमाणपत्र

नामांकन की अंतिम तिथि — 30 सितम्बर 2026

30 सितम्बर 2026

आवेदन / नामांकन करें

‘स्वाधीन’ एक ऐसी पहल है, जो आज़ादी की प्रतीक - खादी - के आर्थिक, सामाजिक और ऐतिहासिक पहलुओं को एक धागे में पिरोती है।

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श्रीमती वीना उपाध्याय — 2024 में जानकीदेवी बजाज पुरस्कार से सम्मानित

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पुरस्कार के बारे में

1993 में श्रीमती जानकीदेवी बजाज की जन्मशती के अवसर पर ‘आईएमसी लेडीज़ विंग जानकीदेवी बजाज पुरस्कार’ की स्थापना हुई । यह उन महिला उद्यमियों को सम्मानित करता है जिन्होंने संकल्प और परिश्रम से, आजीविका, गरिमा व सामाजिक उत्थान के द्वारा ग्रामीण समाज के सशक्तिकरण के लिए आत्मनिर्भर उद्यम खड़े किए।

महिला उद्यमिता का सम्मान

उन महिला उद्यमियों के लिए स्थापित, जो अपनी उद्यमिता से ग्रामीण समाज में स्थायी और दीर्घकालिक परिवर्तन में योगदान देतीं हैं।

महिला सशक्तिकरण का उत्सव

साहस, आत्मनिर्भरता और सामाजिक उत्थान के जानकीदेवी बजाज के मूल्यों से प्रेरित यह सम्मान, महिला सशक्तिकरण का द्योतक है।

₹10 लाख की सम्मान राशि

सम्मनिता को ₹10 लाख की राशि और एक प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाता है।

पारदर्शी चयन प्रक्रिया

सभी प्रविष्टियों की समीक्षा और पुरस्कृता का चयन एक प्रतिष्ठित और निष्पक्ष निर्णायक समिति द्वारा किया जाता है।

श्रीमती जानकीदेवी बजाज
के बारे में

about jankidevi
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श्रीमती जानकीदेवी बजाज
के बारे में

श्रीमती जानकीदेवी बजाज (1893–1979) का जीवन त्याग, साहस और धैर्य की प्रेरक कहानी है। मध्य प्रदेश के जावरा में एक समृद्ध वैष्णव मारवाड़ी परिवार में जन्मीं जानकीदेवीजी के जीवन में मात्र आठ वर्ष की उम्र में एक निर्णायक मोड़ आया, जब सन् 1902 में उनका विवाह बारह वर्षीय जमनालालजी बजाज से हुआ।

वर्धा का बजाज परिवार आगे चलकर गांधीजी के विचारों और देशभक्ति का केंद्र बना। यहीं जानकीदेवीजी ने अपने जीवन को स्वदेशी, आत्मनिर्भरता और स्वराज के आदर्शों को समर्पित किया।

about jankidevi
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आईएमसी लेडीज़ विंग

आईएमसी लेडीज़ विंग की शुरुआत 1966 में, मुंबई के इंडियन मर्चेंट्स चेंबर की महिला शाखा के रूप में हुई। इसे इस भावना से बनाया गया था कि महिलाएँ एक साथ आएँ — एक-दूसरे से सीखें, आगे बढ़ें और देश के सामाजिक व आर्थिक विकास में अपनी भूमिका निभाएँ।

स्वाधीन

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स्वाधीन

‘स्वाधीन’ एक ऐसी पहल है जो आज़ादी की प्रतीक — खादी — के आर्थिक, सामाजिक और ऐतिहासिक पहलुओं को एक ही धागे में पिरोती है।

‘स्वाधीन’ का जन्म श्रीमती किरण बजाज की कल्पना से हुआ – एक ऐसा मंच बनाना, जो जानकीदेवी बजाज जैसी स्वतंत्रता सेनानियों और स्वदेशी के लिए समर्पित कर्मयोगियों की निस्वार्थ निष्ठा को सामने लाए।
वह कहती हैं – “खादी से हर कोई लाभान्वित होता है। यह गरीब कपास किसानों और बुनकरों को रोज़गार और गरिमा देती है, देश की अर्थव्यवस्था को मज़बूत करती है और हमें इस बहुगुणी वस्त्र पर गर्व का एहसास कराती है।”

पुरस्कृताओं से मिलें

about awardees

पुरस्कार के उद्घाटन समारोह में : (बाएँ से दाएँ) श्रीमती किरण बजाज (वर्ष 1992-93 की अध्यक्ष एवं पुरस्कार की संस्थापक), डॉ. सुशीला नायर (मुख्य अतिथि), श्रीमती इंदिरा महिंद्रा (संस्थापक - अध्यक्ष, पुरस्कार उप-समिति)

पुरस्कृताओं से मिलें

1993 से, आईएमसी लेडीज़ विंग जानकीदेवी बजाज पुरस्कार उन महिलाओं को सम्मानित करता आया है जो अपनी उद्यमिता से ग्रामीण समाज के जीवन में सार्थक और दीर्घकालिक परिवर्तन लाने में सफल हुईं हैं ।

इन महिलाओं ने अपने उद्यमों के माध्यम से आजीविका के नए अवसर बनाये, स्थानीय कौशल और परंपराओं को सहेजा, और समाज को आगे ले जाने वाली सोच को व्यवहार में बदलकर दिखाया। उनके प्रयासों ने अनेक परिवारों में स्थिरता, आत्मविश्वास और गरिमा की भावना को मजबूत किया है।

हर पुरस्कृता की कहानी उस साहस और सेवा-भाव को दर्शाती है जो श्रीमती जानकीदेवी बजाज की विरासत का मूल है।

about awardees

पुरस्कार के उद्घाटन समारोह में : (बाएँ से दाएँ) श्रीमती किरण बजाज (वर्ष 1992-93 की अध्यक्ष एवं पुरस्कार की संस्थापक), डॉ. सुशीला नायर (मुख्य अतिथि), श्रीमती इंदिरा महिंद्रा (संस्थापक - अध्यक्ष, पुरस्कार उप-समिति)

गैलरी

स्मृतियों के झरोखे से

देखें आईएमसी लेडीज़ विंग जानकीदेवी बजाज पुरस्कार के पूर्व वर्षों के सम्मान समारोहों की झलकियां

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